मधुमेह छीन सकता है आपकी आंखें
सेहतराग टीम
देश में मधुमेह यानी डायबिटीज के रोगियों की संख्या जिस रफ्तार से बढ़ रही है उसे देखते हुए आने वाले समय में मधुमेह से संबंधित अन्य रोगों के खतरों को लेकर भी चिकित्सक काफी चिंतित हैं। दरअसल मधुमेह को यदि समय पर नियंत्रित नहीं किया गया तो इसके कारण किडनी, हार्ट, पैर, आंखें सब खराब हो सकती हैं। इस आलेख में हम मधुमेह के कारण आंखों पर पड़ने वाले असर की जानकारी देंगे।
क्या कहते हैं डॉक्टर
दिल्ली ही नहीं देश भर में मधुमेह की चिकित्सा के बेहतरीन केंद्र के रूप में लगातार कई वर्षों से अवार्ड जीत रहे फोर्टिस सी डॉक अस्पताल के निदेशक और एम्स (दिल्ली) के मेडिसीन विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर अनूप मिश्रा कहते हैं कि मधुमेह के कारण आंखों के खराब होने को डायबेटिक रेटिनापैथी कहते हैं। लोगों की आंखें खराब होने या फिर अंधता बढ़ने के सबसे आम कारणों में ये बीमारी भी शामिल है। डायबेटिक रेटिनोपैथी के कारण आंख की रेटिना में मौजूद ब्लड वेसेल्स यानी खून पहुंचाने वाली नलियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और कुछ मामलों में इसके कारण आंख से खून आने लगता है। लंबे समय तक यदि मधुमेह, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल के उच्च स्तर को नियंत्रित नहीं किया जाए तो ऐसा होता है।
लक्षण
इस समस्या का सबसे आम लक्षण है धुंधला दिखाई पड़ना। इसके अलावा एक या दोनों आंखों में आंशिक या पूर्ण रूप से दिखाई देना बंद हो जाना। विजन में काला धब्बा या फिर धुंधलापन आ जाना। आंख के विजन फील्ड में रोशनी की चमक आना। हालांकि ये भी हो सकता है कि मधुमेह के कारण रेटिना में खराबी आ रही हो तो कोई दिखने वाला लक्षण सामने न आए।
बचाव
आंखों के बचाव के लिए ये जरूरी है कि कोलेस्ट्रोल, बीपी और शुगर के स्तर को कड़ाई से नियंत्रण में रखा जाए।
दीर्घावधि के उपाय
रेटिना का सालाना फंडस टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। इससे रेटिना के ब्लड वेसल्स में आने वाली किसी भी खराबी का पता चल जाता है। दुर्भाग्य की बात ये है कि भारत में अकसर इस टेस्ट को इग्नोर किया जाता है जबकि हमारे देश में मधुमेह के कारण आंखों की रोशनी कम होने या लोगों के पूरी तरह नेत्रहीन हो जाने के मामले सबसे अधिक सामने आ रहे हैं। मधुमेह रेटिनोपैथी के कुछ मरीजों में दवाइयां, इंजेक्शन या फिर लेजर ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है। इन उपायों के बेहतर परिणाम भी देखने में आए हैं।
(इस आलेख की जानकारी डॉक्टर अनूप मिश्रा की मधुमेह पर हालिया प्रकाशित किताब Diabetes with Delight से साभार ली गई है।)
Comments (0)
Facebook Comments (0)